All bollywood sings Lyrics for you.
Zaroori tha Lyrics
Zaroori tha Lyrics
लफ्ज़ कितने ही तेरे पैरों से लिपटे होंगे
तूने जब आख़िरी खत मेरा जलाया होगा
तूने जब फूल किताबों से निकाले होंगे
देने वाला भी तुझे याद तो आया होगातेरी आँखों के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था
मोहब्बत भी ज़रूरी थी
बिछड़ना भी ज़रूरी था
ज़रूरी था की हम दोनों
तवाफ़े आरज़ू करते
मगर फिर आरज़ूओं का
बिखरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था
तूने जब आख़िरी खत मेरा जलाया होगा
तूने जब फूल किताबों से निकाले होंगे
देने वाला भी तुझे याद तो आया होगातेरी आँखों के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था
मोहब्बत भी ज़रूरी थी
बिछड़ना भी ज़रूरी था
ज़रूरी था की हम दोनों
तवाफ़े आरज़ू करते
मगर फिर आरज़ूओं का
बिखरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था
बताओ याद है तुमको
वो जब दिल को चुराया था
चुराई चीज़ को तुमने
ख़ुदा का घर बनाया था
वो जब कहते थे
मेरा नाम तुम तस्बीह में पढ़ते हो
मोहब्बत की नमाज़ों को
कज़ा करने से डरते हो
मगर अब याद आता है
वो बातें थी महज़ बातें
कहीं बातों ही बातों में
मुकरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था
वो जब दिल को चुराया था
चुराई चीज़ को तुमने
ख़ुदा का घर बनाया था
वो जब कहते थे
मेरा नाम तुम तस्बीह में पढ़ते हो
मोहब्बत की नमाज़ों को
कज़ा करने से डरते हो
मगर अब याद आता है
वो बातें थी महज़ बातें
कहीं बातों ही बातों में
मुकरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था
वही हैं सूरतें अपनी
वही मैं हूँ, वही तुम हो
मगर खोया हुआ हूँ मैं
मगर तुम भी कहीं गुम हो
मोहब्बत में दग़ा की थी
सो काफ़िर थे सो काफ़िर हैं
मिली हैं मंज़िलें फिर भी
मुसाफिर थे मुसाफिर हैं
तेरे दिल के निकाले हम
कहाँ भटके कहाँ पहुंचे
मगर भटके तो याद आया
भटकना भी ज़रूरी था
मोहब्बत भी ज़रूरी थी
बिछड़ना भी ज़रूरी था
ज़रूरी था की हम दोनों
तवाफ़े आरज़ू करते
मगर फिर आरज़ूओं का
बिखरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था
वही मैं हूँ, वही तुम हो
मगर खोया हुआ हूँ मैं
मगर तुम भी कहीं गुम हो
मोहब्बत में दग़ा की थी
सो काफ़िर थे सो काफ़िर हैं
मिली हैं मंज़िलें फिर भी
मुसाफिर थे मुसाफिर हैं
तेरे दिल के निकाले हम
कहाँ भटके कहाँ पहुंचे
मगर भटके तो याद आया
भटकना भी ज़रूरी था
मोहब्बत भी ज़रूरी थी
बिछड़ना भी ज़रूरी था
ज़रूरी था की हम दोनों
तवाफ़े आरज़ू करते
मगर फिर आरज़ूओं का
बिखरना भी ज़रूरी था
तेरी आँखों के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था
Post a Comment
Kuch bhi pooncho yar ! Tumhaare liye hi to banaya hai comment box